December 3, 2024

पं. नेहरू के विचार कल भी और आज भी प्रासंगिक : सरस्वती

रिपोर्ट: इकरार हुसैन

काशीपुर 14 नवंबर 2024 वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव जितेंद्र सरस्वती ने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के विचार आज भी प्रासंगिक है। बाल दिवस के अवसर पर टांडा उज्जैन में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद जिस तरह से उन्होंने भारत के औद्योगिक और सामाजिक विकास में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई, उसके लिए पूरा देश उनके प्रति कृतज्ञ है।

श्री सरस्वती ने कहा कि पं. नेहरू ने देश की आजादी के बाद योजना आयोग का गठन कर पंचवर्षीय योजनाओं को देश में लागू कर विकास की नई दिशा तय की। वही पं. नेहरू के समय में इसरो और एम्स जैसी संस्थाओं का गठन किया गया। जिसकी वजह से आज देश सैटेलाइट और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना। विभिन्न देशों की की सेटेलाइट आज भारत के इसरो संस्थान से छोड़े जाते हैं जो कि भारत की मजबूत अंतरिक्ष शक्ति की पहचान है। पीसीसी सचिव सरस्वती ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जब देश दो ड्रेवो में बांटा था तब पंडित नेहरू की ही सोच थी कि उन्होंने गुटनिरपेक्षता का मार्ग अपना कर विश्व शांति का पाठ पढ़ाया। लकीन नाज कुछ ताकते नेहरू की विचारधारा को देश से मिटाने की कोशिश कर रही है ।  उन ताकतों को नहीं भूलना चाहिए कि जिस व्यक्ति ने अपने जीवन का बहुमूल्य समय देश की आजादी और जेल की सलाखों के पीछे गुजारा हो, देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया गया हो उस नेहरू की विचारधारा को मिटाना आसान नहीं। कृषि क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पं. नेहरू ने भाखड़ा नांगल बांध जैसी परियोजनाओं का देश में जाल बिछाया। जिससे कृषि के लिए किसानों को पानी उपलब्ध हो सका,साथ ही बिजली उत्पादन में भी बढ़ोतरी हुई।कांग्रेसी नेता सरस्वती ने कहा कि आजादी के समय आबादी मात्र 38 करोड़ थी और देश के अंदर ज्यादातर वस्तुएं विदेश से आयात करनी पड़ती थी तब पं. नेहरू की समाजवादी और समानता की सोच ने देश का आधुनिकरण और औद्योगिकरण कर एक नई मिसाल पैदा की । औद्योगीकरण से  लाखों नौजवानों को रोजगार प्राप्त हुआ वही देश खाद्यान्न और उत्पादन की दृष्टि से आत्मनिर्भर बन सका। वर्तमान पीढ़ी को पं. नेहरू के बताए हुए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।