काशीपुर 11 जनवरी 2025 कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी संदीप सहगल ने कहा कि यदि जनता का आशीर्वाद उन्हें मिला तो काशीपुर में शिक्षा प्रणाली को समावेशी प्रासंगिक एवं नवाचार प्रेरित बनाने का प्रयास किया जाएगा। प्रतियोगी छात्रों के लिए डिजिटल एवं फिजिकल लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी ताकि अपने शहर के बच्चों को उच्च शिक्षा एवं तैयारी के लिए कहीं बाहर न जाना पड़े।

अपार जनसमर्थन से गदगद मेयर प्रत्याशी संदीप सहगल ने कहा कि शिक्षा बुनियादी जरूरतों में से एक है। उन्होंने कहा कि डिजिटल लाइब्रेरी (पुस्तकालय) विद्यार्थियों की प्राथमिक जरूरत है। इसमें पुस्तकों का संग्रह डिजिटल या फिर इलेक्ट्रॉनिक रूप में होता है। डिजिटल लाइब्रेरी को ऑनलाइन लाइब्रेरी या फिर इंटरनेट लाइब्रेरी के रूप में भी जाना जाता है। बदलते दौर में पढ़ाई का अधिकांश पाठ ऑनलाइन या फिर इंटरनेट के जरिए होने लगा है इसलिए आज से देखा जाए तो बेहतर शिक्षा के लिए पुस्तकालय नितांत आवश्यक है। इस प्रकार की लाइब्रेरी को इंटरनेट के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है। इसी तरह फिजिकल लाइब्रेरी का चलन भले ही कम होने लगा है लेकिन दुर्लभ पुस्तकों का संग्रह पढ़ाई करने वाले बच्चों के ज्ञान स्तर को ऊपर उठाने का काम करता है। कई बार आर्थिक दिक्कतों के कारण हम जिन बच्चों को पुस्तक नहीं उपलब्ध हो पाती वह भी बड़ी ही आसानी से फिजिकल लाइब्रेरी में पहुंचकर अपनी जरूरत की पुस्तकों से ज्ञानार्जन करते हैं। यानी डिजिटल लाइब्रेरी इलेक्ट्रॉनिक डाटा का एक विशाल भंडार है तो वहीं दूसरी ओर फिजिकल लाइब्रेरी यानी भौतिक पुस्तकालय हाथ में रखी किताबें पत्रिकाओं एवं कलाकृतियों का पारंपरिक खजाना। संदीप सहगल ने कहा कि इस तरह के पुस्तकालय की स्थापना से काशीपुर में निश्चित तौर पर शिक्षा का स्तर ऊपर उठेगा और जो बच्चे उच्च शिक्षा के लिए अथवा कंपटीशन आदि की तैयारी के लिए बड़े शहरों की ओर भाग रहे हैं वह रखेगा और काशीपुर का भी नाम देश के नामी गिरामी शहरों में शुमार होगा। वैश्विक पहुंच के मामले में डिजिटल लाइब्रेरी ने जीत हासिल कर लिया है क्योंकि यह दुनिया भर में हर किसी के लिए उपलब्ध है जबकि भौतिक लाइब्रेरी का स्थान सीमित है लेकिन यह ठोस अनुभव प्रदान करता है। कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी संदीप सहगल

सम्पादक- काशीपुर अपडेट
More Stories
भाजपा की कठपुतली बनकर रह गई ई डी : सरस्वती
डॉ. आंबेडकर को आत्मसात कर समाज बदले : सरस्वती
महिला अत्याचार और आरक्षण पर भाजपा की चुप्पी : अलका पाल